यहां पोस्ट दोस्ती शायरी पर है । हमारे ज़िंदगी में एक दोस्त के लिए बहुत महत्व पूर्ण स्थान है। दोस्त के साथ खून का रिश्ता न होते हुए भी बहुत अहम होता है। दोस्त हमेशा चाहे बुरा वक्तव हो या खुशी का वह हमारा साथ रहता है। इसी प्रकार से हमने अपने लिए दोस्ती शायरी dost Shayari ,शानदार दोस्ती शायरी,अटूट दोस्ती शायरी,दोस्ती शायरी दो लाइन, दोस्ती शायरी हिन्दी मे जैसे शायरी लिखी है। दोस्ती पर एक मशहूर कविता:-
कुछ दोस्त बहुत याद आते हैं....हरिवंशराय बच्चन
मै यादों का
किस्सा खोलूँ तो,
कुछ दोस्त बहुत
याद आते हैं
मै गुजरे पल को सोचूँ
तो, कुछ दोस्त
बहुत याद आते हैं
अब जाने कौन सी नगरी में,
आबाद हैं जाकर मुद्दत से
मै देर रात तक जागूँ तो ,
कुछ दोस्त
बहुत याद आते हैं
कुछ बातें थीं फूलों जैसी,
कुछ लहजे खुशबू जैसे थे,
मै शहर-ए-चमन में टहलूँ तो,
कुछ दोस्त बहुत याद आते हैं
सबकी जिंदगी बदल गयी,
एक नए सिरे में ढल गयी,
किसी को नौकरी से फुरसत नही
किसी को दोस्तों की जरुरत नही
सारे यार गुम हो गये हैं
"तू" से "तुम" और "आप" हो गये है
मै गुजरे पल को सोचूँ
तो, कुछ दोस्त बहुत याद आते हैं
धीरे धीरे उम्र कट जाती है
जीवन यादों की पुस्तक बन जाती है,
कभी किसी की याद बहुत तड़पाती है
और कभी यादों के सहारे ज़िन्दगी कट जाती है
किनारो पे सागर के खजाने नहीं आते,
फिर जीवन में दोस्त पुराने नहीं आते
जी लो इन पलों को हस के दोस्त,
फिर लौट के दोस्ती के जमाने नहीं आते
(हरिवंशराय बच्चन)
टॉप १० दोस्ती शायरी dost Shayari in Hindi/इमेज के साथ दोस्त शायरी
ये दोस्ती हम नहीं तोड़ेंगे
तोड़ेंगे दम मगर तेरा साथ ना छोडेंगे
तोड़ेंगे दम मगर तेरा साथ ना छोडेंगे
राहुलदेव बर्मन
कौन रोता है किसी और की ख़ातिर ऐ दोस्त
सब को अपनी ही किसी बात पे रोना आया
सब को अपनी ही किसी बात पे रोना आया
साहिर लुधियानवी
दोस्ती आम है लेकिन ऐ दोस्त
दोस्त मिलता है बड़ी मुश्किल से
दोस्त मिलता है बड़ी मुश्किल से
हफ़ीज़ होशियारपुरी
वो कोई दोस्त था अच्छे दिनों का
जो पिछली रात से याद आ रहा है
जो पिछली रात से याद आ रहा है
नासिर काजमी
ये सिखाया है दोस्ती ने हमें
दोस्त बन कर कभी वफ़ा न करो
दोस्त बन कर कभी वफ़ा न करो
सुदर्शन फ़ाख़िर
लकीरें तो हमारी भी बहुत ख़ास है,
इसीलिए आप जैसा दोस्त हमारे पास है
इसीलिए आप जैसा दोस्त हमारे पास है
अज्ञात
आ कि तुझ बिन इस तरह ऐ दोस्त घबराता हूँ मैं
जैसे हर शय में किसी शय की कमी पाता हूँ मैं
जैसे हर शय में किसी शय की कमी पाता हूँ मैं
जिगर मुरादाबादी
ऐश के यार तो अग़्यार(अजनबी)भी बन जाते हैं
दोस्त वो हैं जो बुरे वक़्त में काम आते हैं
दोस्त वो हैं जो बुरे वक़्त में काम आते हैं
अज्ञात
बहुत छोटे हैं मुझ से मेरे दुश्मन
जो मेरा दोस्त है मुझ से बड़ा है
जो मेरा दोस्त है मुझ से बड़ा है
एक टिप्पणी भेजें